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खरगोश पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करे | Rabbit Farming Business In Hindi

     हमारे देश मे बहुत सालो से Rabbit Farming Business चल रहा है और कुछ कुछ राज्यों मे तो विदेशी खरगोशो को पालकर लोग अच्छा मुनाफा कमा रहे है.

     Rabbit farming business आपको इस लिए करना चाहिए क्योंकि खरगोश पालन मे ज्यादा खर्च नहीं होता और इसकी प्रतिस्पर्धा भी बहुत कम या फिर ना के बराबर ही है. और देश विदेश मे भी खरगोश के उन और मिट की बहुत मांग है. ज्यादातर लोग तो खरगोश को पालतू पशु की तरह भी रखना पसंद करते है और उससे आपकी कमाई भी अच्छी हो सकती है.

खरगोश पालन के लिए जगह

     खरगोश पालन के लिए आप अपने फार्म का इस्तेमाल कर सकते हो, यह जगह ऐसी होनी चाहिए जो ज्यादा प्रदूषण रहित और शोर कम हो, अगर गाव मे खरगोश पालन करते हो तो बहुत अच्छा है.

     आपको अपने फार्म मे एक शेड बनवाना होगा, शेड ऐसे बनवाए की जिसमे हवा का आना जाना होता रहे यानी प्रॉपर वेंटिलेशन होना चाहिए. शेड को ठंडा रखने के लिए 1 या 2 कूलर भी लगवा लीजिए क्योंकि खरगोश के लिए ठंडा वातावरण उत्तम होता है, खरगोश तो रखने के लिए आपको 10/5 के पीजरे भी लेने पड़ेंगे या फिर आप खुद ही बना सकते हो.

खरगोश की किस्में 

1. White giant rabbit breed - सफेद खरगोश

2. Soviet chinchilla breed - सोवियत चिंचिला

3. Black brown rabbit breed - ब्लैक ब्राउन खरगोश

4. Grey giant rabbit breed - ग्रेय खरगोश

5. Newzealand rabbit breed - न्यूीलैंड खरगोश

6. Dutch rabbit breed - डच खरगोश

7. Angora rabbit breed - अंगोरा खरगोश

खरगोश पालन के लिए पंजीकरण 

     Rabbit farming के लिए आपके पास फार्म का करेंट अकाउंट और पेन कार्ड होना जरूरी है, और आपको अपने फार्म का पर्सनल या फिर पार्टनरशिप के अंतर्गत पंजीकरण करना होगा और प्रति वर्ष इनकम टैक्स भी भरना होगा.

खरगोश के लिए भोजन 

     खरगोश एक शाकाहारी जीव होने की वजह से इसका मुख्य भोजन घास ही है, यह सुखी और हरी घास और पौधों की पत्तियां भोजन मे पसंद करते है, और उसके साथ गाजर, चुकंदर, पत्ता गोभी, जैसी सब्जीवर्गीय चीजे भी खाते है.

     खरगोश को शाम के भोजन मे कंशंट्रेट देना चाहिए जिसमे मक्का और गेहूं का मिक्सचर होता है. आप एक बर्तन में मक्का और गेहूं के मिक्सचर मे हल्का पानी डालकर उसे अच्छे से मिलाकर खाने मे दे सकते है.

     एक खरगोश एक दिन मे लगभग 150 से 200 ग्राम आहार लेता है और मादा खरगोश 100 से 150 ग्राम तक आहार लेती है. और पानी 350 मिलीलीटर प्रति दिन का पीते है.

खरगोश के अच्छे विकास के लिए दवाई

     खरगोश के लीवर और पेट को ठीक रखने के लिए और उनकी हड्डियों को मजबूत रखने के लिए कैल्सियम देना चाहिए. नीचे दी गई दवाई भी से सकते है.

1. ब्रोटोन :- यह दवा को एक खरगोश को आधे से 1 मिली तक देना चाहिए, आप खरगोश के खाने मे इस दवा को मिलाकर दे सकते हो.

2. ऑस्तोवेट फोर्ट :- यह दवा एक कैल्सियम टॉनिक है, जब आपकी मादा खरगोश बच्चो को जन्म देने वाली हो या फिर जन्म दे दिया है उस वक्त यह दावा देनी चाहिए. यह दवा मादा खरगोश मे कैल्सियम की पूर्ति करने का काम करती है जिससे दूध बराबर आए. यह दवा को 1 मिली पर खरगोश को खाने मे मिलाकर दे सकते है.

3. liv 52 :- यह दवा को भी 1 मिली पर खरगोश को खाने मे मिलाकर देनी चाहिए.

खरगोश पालन का खर्च

     अगर आप दस यूनिट के हिसाब से खरगोश पालन व्यवसाय की शुरुवात करते हो तो आपको दस यूनिट खरगोश को खरीदने में 3 से 4 लाख तक का खर्च हो जाएगा, और पिजर, लोकेशन, खनापिना और दवाई का खर्च लगभग 2 लाख के आसपास होगा , एवरेज 4 से 5 लाख रुपए के निवेश से खरगोश पालन स्टार्ट कर सकते हो.

खरगोश पालन से कमाई 

     खरगोश पालन से आपको दस यूनिट खरगोश से 40 से 50 दिनों के अंदर तैयार हुए बच्चो को बेच कर लगभग 2 लाख से ज्यादा कमाई हो सकती है.

     अंगोरा खरगोश जिसे ऊनी खरगोश भी कहा जाता है, देश विदेश में एकाएक अंगोर खरगोश के उन कि मांग बढ़ गई है, यह उन बेकरी के उन से भी ज्यादा मेहगा बिकता है, आप अंगोर खरगोश के उन को बेच कर पर किलो 1600 से 2500 तक की कमाई कर सकते हो.

     खरगोश को बाजार या मेले में बेचकर भी आप कमाई कर सकते हो, आप खरगोश को बाजार में 500 से 600 रुपए जोड़ी तक बेच सकते हो.

     आप बच्चो और उन को बेचकर है छ महीने के अंदर ही निवेश किए पैसा से लगभग दो गुने पैसे कमा लेंगे.

खरगोश के रोग, उपचार और रोकथाम

     हमारे देश मे पिछले दो से तीन से खरगोश पालन के बिजनेस का चलन बढ़ गया है, लेकिन लोगो के पास खरगोश मे होने वाली बीमारियों और उसके उपचार की जानकारी नहीं है, खरगोश मे ज्यादातर फंगस से संक्रमित होने की और खाने छिकने की बीमारियां हो जाती है, यह बीमारी के लिए उपचार नीचे दिया गया है.

खरगोश मे होने वाली मुख्य बीमारियां मे तभारीमिया, म्युकोइड इंट्रोपेथी, केनीबाभिजम, आंख आना, माइट्स, रिंग वर्म, फंगस आदि.

फंगस की बीमारी :- यह बीमारी मे खरगोश के कान और नाक के आसपास के बाल में कमी हो जाती है, खुजली के कारण खरगोश लगातार फंगस वाली जगह पर खुजाता रहता है और फिर उस जगह पर घाव हो जाता है और बाद में वह बैक्टेरियल रोग बनना शुरू हो जाता है. फंगस से संक्रमित हिस्सो मे ग्रिसियोफ्लिवन या फिर बेंजैल बेंजोएट क्रीम लगानी चाहिए और उसके साथ साथ भोजन में दो हप्तो तक प्रति किलो 0.75 ग्राम ग्रिसियोफुलविन भी मिलाकर खिलाना चाहिए.

बीमारियों कि रोकथाम

 बीमारियों की रोकथाम के लिए समयसर पिंजरों की साफसफाई करना, खरगोश के भोजन के बर्तनों को रोज साफ रखना और उसे कीटाणु रहित करना आदि.

FAQ

Q. खरगोश का जीवन कितने सालो का होता है ?

A. लगभग 4 से 5 साल

Q. एक यूनिट खरगोश का मतलब क्या होता है ?

A. एक यूनिट खरगोश मे सात मादा खरगोश और तीन नर खरगोश होते है.