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RBI New Rules : ऑनलाइन लॉन लेने से पहले जान ले RBI के नए नियम के बारे मे

दोस्तो आज कल हर सुबह आपको सुनाने में आएगा की कोई ऐसी नई ऐप या फिर वेबसाइट आई है जो आपको आसानी से लॉन देने के लिए तैयार होती है. यह वेबसाइट और ऐप आपको 10 मिनिट के अंदर एक अच्छी लॉन दे देती है. इसी ऐप या वेबसाइट को डिजिटल लैंडिंग कहते है. इसी बहुत सी ऐप और वेबसाइट है जिनके ऊपर आरबीआई के नियम लागू नहीं पड़ते है. इसी लिए आरबीआई ने ऐसे डिजिटल लैंडिंग प्लेटफार्म के लिए नियम लागू किए है.


आज के समय में हमे कोई लॉन की जरूरत होती है और आप अपना ITR फाइल करते है और आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपके पास ऐसे कई ऐप होगी जो आपको 10 मिनिट के अंदर लोन दे देती है. इसे डिजिटल लैंडिंग का पावर कहते है. अगर आप 15 या 20 साल पीछे जाओगे तो आपने ऐसा सोचा भी नही होगा की भविष्य में ऐसे आपको आसान तरीके से लॉन मिल जायेगा. डिजिटल लैंडिंग आजकल बहुत ही ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहा है और हर दिन नई नई कंपनी और ऐप मार्केट में आ रहे है. पर जिस रफ्तार से यह बढ़ रहा है उस रफ्तार से इसमे रेगुलेशन नही हो रहा है. 

अगर पैसे की लेन देन में रेगुलेशन ना हो तो हर व्यक्ति परेशान होता है. कोई भी देश में पैसे की लेन देन की रेगुलेशन उस देश की सेंट्रल बैंक करती है. हमारे देश में आरबीआई पैसे की लेन देन की रेगुलेशन करती है. आरबीआई ने डिजिटल लैंडिंग कंपनियों के लिए नवंबर में एक वर्किंग कमिटी तैयार की थी. उनके रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने कुछ नियम लागू किए है.

Loan Disbursal And Payment - ऋण वितरण और भुगतान

अगर आप लोन लेते है या फिर लोन को चूकते है तो इसमें आपका पेमेंट उस डिजिटल लैंडिंग कम्पनी के अकाउंट में होनी चाहिए. अगर आप दोनो के ट्रांजेक्शन के बीच में कोई थर्ड पार्टी का अकाउंट आता है तो आपको तुरंत इस कंपनी से लॉन लेना बंद कर देना चाहिए.

Fees / Charges - फीस

आपको लोन देने के लिए अगर डिजिटल लैंडिंग को कोई खर्चा हुआ है जेसे की क्रेडिट स्कोर देखने का या फिर कोई भी लोन चार्ज आपसे चार्ज नहीं कर सकते है.

Standardized Statement - मानकीकृत वक्तव्य

उस लैंडिंग कंपनी के पास एक स्टेंडरडाइज्ड स्टेटमेंट होना चाहिए जो आरबीआई ने तैयार किया हुआ होता है. यह स्टेटमेंट में आप लोन की कितनी अमाउंट लेते हो, उस लॉन की भरपाई आप कौनसी तारीख को करेंगे, उसपर कितना इंट्रेस्ट लगेगा, अगर पेमेंट की तारीख चली जाती है तो उसकी पेनल्टी कितनी होगी यह सब होता है.

Automatic Credit Limit Increase अपने आप क्रेडिट सीमा बढ़ाना

अगर आप क्रेडिट कार्ड या लोन लेते हो तो आपको कभी कभार ऐसा कॉल आता है की आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ गई है, क्या आप इसे बढ़ाना चाहते हो. अगर आप हा कहेंगे तभी यह लिमिट बढ़ते है. मगर डिजिटल लैंडिंग में ऐसा नहीं होता है वह लोग आपको बिना बताए लोन की क्रेडिट इंक्रीज कर देते है, जिससे आपका खर्चा बढ़ जाता है और किसी तरह से वह अमाउंट को भरना मुस्किल हो जाता है. तो अभी से डिजिटल लैंडिंग वाले आपसे बिना पूछे लोन इनक्रीज नही कर सकेगे.

Grievance Redressal - शिकायत निवारण

आप जिस लैंडिंग कंपनी के पास लॉन लेना चाहते हो उसके पास शिकायत निवारण सिस्टम होनी चाहिए. जिससे आपको कोई प्रोब्लम हुई हो तो आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है. अगर 30 दिन के अंदर आपकी शिकायत का सॉल्यूशन नही हुआ है तो आप आरबीआई में उस कंपनी की शिकायत कर सकते है.

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