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आइसोप्रोथियोलेन का उपयोग कैसे करें - फसल, मात्रा और कार्य करने की विधी | Isoprothiolane 40% EC Uses in Hindi

           आइसोप्रोथियोलेन 40% ईसी डाइथायोलेन ग्रुप का अंतप्रवाही फंगी साइड है. यह फफुंदनाशी दवा पौधों को रोगों से बचाता है और रोग पर नियंत्रण क्रिया करके उसके प्रभावी रूप से बचाव करता है. आइसोप्रोथियोलेन 40% ईसी एक हेटरोसाइक्लिक फफूंदनाशी है और यह कम अवधि पर अवशोष होने वाला फफूंदनाशी भी है.

Technical Information

Technical Name - Isoprothiolane

Chemical Name - dipropan-2-yl 2-(1,3-dithiolan-2-ylidene)propanedioate

formula - C12H18O4S2

Molar mass - 290.40 g·mol−1

Melting Point - 50-54.5°C

Water Solubility - 0.054 mg/mL at 25 °C

Vapor pressure - 0.01 mmHg

Wikipedia - Isoprothiolane


Formulation : Isoprothiolane 40% EC

विवरण - Isoprothiolane 40% EC Description

• Isoprothiolane 40% EC रसायनों के डिथियोलेन समूह से सम्बंधित है.

• यह कवकनाशी एक उत्कृष्ट प्रणालीगत कवकनाशी है.

• यह कवकनाशी का उपयोग चावल मे पत्तेदार के रूप में किया जाता है.

• यह कवकनाशी को सभी प्रकार के विस्फोटक जैसे की पत्ती, गर्दन और नोड विस्फोटक के लिए एक ही समाधान माना जाता है.

• यह कवकनाशी मे फाईटोटोनिक प्रभाव भी होता है जिसका अच्छा सकारात्मक प्रभाव होता है.

• यह कवकनाशी जड़ों और पत्तो के द्वारा तेजी से अवशोषित होता है.

• यह कवकनाशी बेसिपेटली और अक्रोपेटली दोनों तरह से चलता है.

• यह कवकनाशी अन्य कवकनाशी के साथ लगभग संगत है.

• यह कवकनाशी के छिड़काव के बाद वर्षा होती है तो भी यह पौधों के पर्ण पर सक्रिय बना रहता है.

कार्रवाई की विधि - Isoprothiolane 40% EC Mode of Action

     Isoprothiolane 40% EC कवकनाशी सुरक्षात्मक और उपचारात्मक क्रिया के साथ साथ एक प्रणालीगत कवकनाशी है. यह कवकनाशी के आवेदन के बाद जड़ों के साथ साथ पत्तो के द्वारा अवशोषित होता है और स्थानात्तरित होकर अन्य भागो मे जमा होता है. यह कवकनाशी के इस्तेमाल के बाद एजायम मिथाइल ट्रांसफरेज को निष्क्रिय कर के फॉस्फोर लिपिड बायोसिथेसिस का निषेध हो जाता है,

     यह कवकनाशी कवक मे संक्रमण स्त्राव की वृद्धि को खत्म करता है और हाइफी की वृद्धि को रोकता है तथा पेनिट्रेशन को रोकने में मददगार बनता है.

मात्रा - Isoprothiolane 40% EC Dosage

     यह कवकनाशी का इस्तेमाल चावल की फसल मे 500 से 1000 लीटर पानी के साथ 750 मिली मिलाकर इस्तेमाल करना चाहिए.

सुरक्षा निर्देश - Safety Instructions

• सुरक्षात्मक उपकरणों जैसे एप्रन, मास्क और हाथ दस्ताने पहनकर ही छिड़काव करे.

• मुंह, आंख और त्वचा के संपर्क में आने से बचे.

• छिड़काव के बाद अच्छे से स्वच्छ पानी से नहाए.

• छिड़काव के वक्त कुछ भी खाना, पीना, चबाना या फिर धूम्रपान करना नहीं चाहिए.

• अच्छे परिणाम के लिए अनुसंशित पानी की मात्रा का उपयोग करे.

आवेदन की विधि और समय - METHOD & TIME OF APPLICATION

• पहला छिड़काव खेत में रोग के प्रकोप के दिखते ही करना हितावह होता है.

• खेत में रोग की गंभीरता के आधार पर प्रति मौसम में तीन छिड़काव कर सकते है.

• पानी की सिफारिश की गई मात्रा में आवश्यक खुराक को अच्छे से मिलाकर स्प्रे टैंक के द्वारा इस्तेमाल कर सकते है.

लक्ष्य फसलें और रोग - Target Crops and disease

     यह कवकनाशी का इस्तेमाल चावल मे ब्लास्ट की बीमारी को नियंत्रण करने के लिए किया जाता है और इसका परिणाम छिड़काव के लगभग 60 दिनों में मिलता है.

पैकिंग और कीमत - Isoprothiolane 40% EC Pack Size And Price

100 ml - ₹ 269.00 ( Approx )

250 ml - ₹ 670.00 ( Approx )

500 ml - ₹ 1199.00 ( Approx )

1 L - ₹ 2299.00 ( Approx )

Best Isoprothiolane 40% EC In India

1. Fuka - Parijat Agro Chemicals

2. Fujita - Dhanuka

3. Kazashi - IFFCO-MC

4. Isolane - Crop chemical India

5. Isomain - Adama india

6. Folicur - Bayer 

( Disclaimer - यह ब्लॉग पर हम किसी भी तरह से पेस्टीसाइड दवाइयों का प्रचार नहीं कर रहे है, यह सिर्फ किसान भाईयो की जानकारी के लिए है, तो कृपया आप इसका प्रयोग किसी जानकार व्यक्ति की सलाह लेने के बाद ही करे, धन्यवाद. )